अमरकोशसंस्कृतकेकोशोंमेंअतिलोकप्रियऔरप्रसिद्धहै။ इसेविश्वकापहलासमान्तरकोश (थेसॉरस्) कहाजासकताहै။ इसकेरचनाकारअमरसिंहबतायेजातेहैंजोचन्द्रगुप्तद्वितीय (चौथीशब्ताब्दी) केनवरत्नोंमेंसेएकथे။ कुछलोगअमरसिंहकोविक्रमादित्य (सप्तमशताब्दी) कासमकालीनबतातेहैं။ इसकोशमेंप्राय: दसहजारनामहैं, जहाँमेदिनीमेंकेवलसाढ़ेचारहजारऔरहलायुधमेंआठहजारहैं။ इसीकारणपंडितोंनेइसकाआदरकियाऔरइसकीलोकप्रियताबढ़तीगई။
अमरकोशश्लोकरूपमेंरचितहै။ इसमेंतीनकाण्ड (अध्याय) हैं။ स्वर्गादिकाण्डं, भूवर्गादिकाण्डंऔरसामान्यादिकाण्डम्။ प्रत्येककाण्डमेंअनेकवर्गहैं။ विषयानुगुणंशब्दाःअत्रवर्गीकृताःसन्ति။ शब्दोंकेसाथ-साथइसमेंलिङ्गनिर्देशभीकियाहुआहै.अन्यसंस्कृतकोशोंकीभांतिअमरकोशभीछंदोबद्धरचनाहै။ इसकाकारणयहहैकिभारतकेप्राचीनपंडित "पुस्तकस्था '' विद्याकोकममहत्वदेतेथे။ उनकेलिएकोशकाउचितउपयोगवहीविद्वान्करपाताहैजिसेवहकंठस्थहो။ श्लोकशीघ्रकंठस्थहोजातेहैं။ इसलिएसंस्कृतकेसभीमध्यकालीनकोशपद्यमें हैं။ इतालीयपडितपावोलीनीनेसत्तरवर्षपहलेयहसिद्धकियाथाकिसंस्कृतकेयेकोशकवियोंकेलिएमहत्त्वपूर्णतथाकाममेंकमआनेवालेशब्दोंकेसंग्रहहैं။ अ रकोशऐसाहीएककोशहै။
अमरकोशकावास्तविकनामअमरसिंहकेअनुसारनामलिगानुशासनहै။ नामकाअर्थयहाँसंज्ञाशब्दहै။ अमरकोशमेंसंज्ञाऔरउसकेलिंगभेदकाअनुशासनयाशिक्षाहै။ अव्ययभीदिएगएहैं, किन्तुधातुनहींहैं။ धातुओंकेकोशभिन्नहोतेथे (काव्यप्रकाश, काव्यानुशासनआदि) ။ हलायुधनेअपनाकोशलिखनेकाप्रयोजनकविकंठ-विभूषणार्थम्बतायाहै။ धनंजयनेअपनेकोशकेविषयमेंलिखाहै - मैंइसेकवियोंकेलाभकेलिएलिखरहाहूँ (कवीनांहितकाम्यया) ။ अमरसिंहइसविषयपरमौनहैं, किंतुउनकाउद्देश्यभीयहीरहाहोगा။
अमरकोशमेंसाधारणसंस्कृतशब्दोंकेसाथ-साथअसाधारणनामोंकीभरमारहै။ आरंभहीदेखिए-देवताओंकेनामोंमेंलेखाशब्दकाप्रयोगअमरसिंहनेकहाँदेखा, पतानहीं။ ऐसेभारीभरकमऔरनाममात्रकेलिएप्रयोगमेंआएशब्दइसकोशमेंसंगृहीतहैं, जैसे-देवद्रयंगयाविश्द्रयंग (3,34) ။ कठिन, दुलर्भऔरविचित्रशब्दढूंढ़-ढूंढ़कररखनाकोशकारोंकाएककर्तव्यमानाजाताथा။ नमस्या (नमाजयाप्रार्थना) ऋग्वेदकाशब्दहै (2,7,34) ။ द्विवचनमेंनासत्या, ऐसाहीशब्दहै။ मध्यकालकेइनकोशोंमें, उससमयप्राकृतशब्दभीसंस्कृतसमझकररखदिएगएहैं။ मध्यकालकेइनकोशोंमें, उससमयप्राकृतशब्दोंकेअत्यधिकप्रयोगकेकारण, कईप्राकृतशब्दसंस्कृतमानेगएहैं; जैसे-छुरिक, ढक्का, गर्गरी (प्राकृतगग्गरी), डुलि, आदि။ बौद्ध-विकृत-संस्कृतकाप्रभावभीस्पष्टहै, जैसे-बुद्धकाएकनामपर्यायअर्कबंधु။ बौद्ध-विकृत-संस्कृतमेंबतायागयाहैकिअर्कबंधुनामभीकोशमेंदेदिया။ बुद्धके '' सुगत '' आदिअन्यनामपर्यायऐसेहीहैं။
अपारहर्षकेसाथसूचितकररहाहूँकिइसअमरकोशग्रन्थकाएण्ड्रॉयडएप्लीकेशनअभीप्रस्तुतहै။ इसमेंवर्गकेअनुसारउनकेशब्दतथाशब्दोंकेपर्यायपदकोदर्शायागयाहै။ साथहीउपयोगकर्ताकेसौलभ्यहेतुसभीशब्दोंकाशब्दकल्पद्रुमतथावाचस्पत्यम्केसाथसाथवीलियममोनियरडिक्शनरीतथाआप्टेअंग्रेजीडिक्शनरीभीदियागयाहै။ आशाहैकिउपयोगकर्ताविद्वानअपनासहत्वपूर्णरायअवश्यदेंगे။